Wednesday, July 23, 2008

फैशन शो (fashion शो)

टी.वी. पर आ रहा फैशन शो को छात्रावास के छात्र अपने-अपने तरीके से विश्लेषित कर रहे थे| जब मॉडल विभिन्न डिजाईन के कपड़े पहनकर उतरती थी तो, देखने वाले दर्शक आँखे फाड़कर पाता नहीं कपड़ो को देखते थे या उसे बनाने वाले कलाकार के सोच को देखते थे या फिर कुछ और देखते थे| ये बात तो वही जाने लेकिन छात्रावास के छात्रों कि सोच भी अजब निराली थी| कोई कहता देखो डिजाइनर ने दो पतले-पतले डोरी का कितना सही उपयोग किया है डोरी से हाथ और सिर डाला डोरी कंधे पर झूलने लगा| और पहनने वाली मॉडर्न स्टाइल के कपड़े को पहन कर तैयार हुई| तो दूसरे मॉडल पर एक और लड़के ने टिप्पणी किया कि देखो डिजाइनर ने इस महंगाई के ज़माने में किस तरह कपड़े का बचत किया है| तभी एक लड़के ने इस शर्ट का नाम शोर्ट शर्ट बताया तभी उसके बगल में खड़े एक लड़के ने उसका नाम अंग-उभारू शर्ट का नाम दिया| तभी एक मॉडल एक ऐसी पैंट पहनकर आई जिसकी पूरी फिटिंग इतनी टाइट थी कि जिसको पहनते समय कितनी मशक्कत करनी पड़ी होगी|यह वह मॉडल ही जानती होगी| पैंट घुटने के थोडा नीचे तक थी लेकिन वहां पर कुछ ढीली सी थी| तथा वहां पर एक झब्बरदार घेरा सा लगा था| वह घेरा कुत्ते के झब्बरदार पूँछ से बना लग रहा था| इसे देखकर उन लड़कों में से किसी ने चुटकी ली कि अरे है भाई कोई नामकरण कर्ता, इस ड्रेस का भी नामकरण करों| सारे लड़के चुप होकर किसी नाम के बारे में विचार कर ही रहे थे, कि तब तक देखते हैं कि कई मॉडल एक साथ अपने पुरुष जोडों के साथ रैंप पर इठलाकर, मचलकर ऐसे चल रही थी कि लगता था|जैसे कि वो कपड़ो के अलावे और भी कुछ दिखाना चाह रही हो| इन जोडो के साथ जो सबसे खास बात देखने में लग रही थी वो ये थी कि इनके साथ जितने पुरुष थे| इनके बदन कपड़ो से ढके थे, लेकिन जो इनके साथ महिला मॉडल थी वो अर्ध-नग्न कि तरह दिख रही थी| लगता था, डिजाइनर को इनके कपड़े बनाते समय कपड़ो कि कमी पद गई| थी| तभी इनके कपड़े शरीर उघाडू तथा बदन दिखाऊ कि तरह दिख रहे थे| इन कपड़ो को देखकर एक लड़के ने कमेन्ट किया कि सुपर शोर्ट ड्रेस तो दूसरे लड़के ने फिर का कसा अंगदर्सक और कामुक विचार सर्जक ड्रेस| तभी एक लड़का और बीच में बोल पड़ा कि ये कपडा अपने शहर में बिकने आ जाए तो पता नहीं कितने लोग पहनकर सड़को पर निकलेंगे| और अगर गलती से कोई इस बनावट के साथ पहन कर निकलकर गया तो शहर के कुत्ते इन्हें पागलों सरीखा समझकर शायद भौकने लग जाए| और शौह्दों कि तो बात ही न कहों उनकी तो चांदी हो जाते|