Monday, February 21, 2011

दिखावटी

दिखावटी

सुनीता भाभी एक ऐसी महिला थी जो हर एक के दुःख सुख में सामिल होती थी और जब किसी भी महिला को लड़की पैदा होती और उसको कोई ताना इत्यादि देता या दुःख प्रगट करता तो वह उससे कहती कि क्या हुआ लड़की और लड़का एक सामान होते हैं लेकिन जब उनकी पोती पैदा हुई तो उन्होंने अपने बहू से बोलना छोड़ दिया साथ साथ अपनी सखी सहेलियों को इस बात को बताना भी उचित न समझा कि उनकी बहू को लड़की पैदा हुई है। जब उनकी सखी सहेलियों को इस बात का पता चला कि भाभी कि बहू को लड़की हुई है तो वो समूह में इकठ्ठा होकर उनकी बहू और पोती को आशीर्वाद देने पहुँची और उनको बधाई देने के लिए दो शब्द बोलने शुरू ही किया था कि उन्होंने उनको बीच में रोकते हुए तपाक से बोला कि जाकर बहू को ही आशीर्वाद दे दो यह सुनते ही सारी सहेलिओं के जबान पर ताला लग गया तभी उनमें से एक सहेली बोल उठी भाभी जी नाराज न होइए ईश्वर से हम सभी कि कामनाये करतें  है कि अगला बच्चा आप कि बहू को लड़का हो जिससे आप के मुख पर मुस्कान तो हम लोग देख सके लेकिन इस बात का आज हम लोगो पता चाल गया कि आज तक आप जो सान्तवना हम लोगों को दे रही थी वो केवल दिखावटी था उसमे वास्तविकता का पुट न था।