Monday, May 26, 2008

गणित मे कमजोर(Gandit me Kamjor)


गणित मे कमजोर
यात्रियों को ट्रेन मे अपने देश के राजनीत सामाजिक विषयों के बारे मे चर्चा करने के लिए सबसे उपयुक्त तथा गर्मा गर्म माहौल मिलता है| ऐसे ही एक ट्रेन मे कुछ यात्री सफर करते हुए अपने देश के एक राज्य मे हो चुके चुनावों की चर्चा कर रहे थे की देखिये वहां की जनता मे आतंकवादियों को नकार कर वहां हो रहे चुनावों मे बढ चढ़ कर हिस्सा लेकर अपने पड़ोसी देश के मंसूबों पर पानी फेर दिया है| दूसरा यात्री बोला वहां की जनता ने आतंकवादियों की परवाह किए बिना विधान सभा की चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए करीब चालीस से पच्चास प्रतिशत के बीच में मतदान करते हुए यह साबित कर दिया है कि हम लोग अपने आन्तिरिक मामलों मे अपने किसी पड़ोसी देश की दखल बर्दास्त नही करेंगे| जैसे ही यात्री ने अपनी बात खत्म किया एक तीसरे यात्री ने बोलना आरम्भ किया की अपने पड़ोसी देश के शासक तो सारी दुनिया से अलग बोल रहे हैं| जहाँ सारी दुनिया मतदान का प्रतिशत चालीस  से पचास बता रही है| वहीं  वह मतदान का प्रतिशत केवल चार से पाँच के बीच बता रहे है| जैसे ही तीसरे यात्री ने अपनी बात खत्म किया उन लोगों के साथ चल रहा एक बच्चा तपाक से बड़ी ही मासूमियत से बोल पड़ा अंकल अपने पड़ोसी शासक अंकल जो हैं न लगता है वह गणित मे बहुत कमजोर है| जहाँ सारी दुनिया मतदान का  प्रतिशत प्रति सौ पर निकलती है, वही लगता है अपने पड़ोसी शासक अंकल प्रतिशत प्रति हजार पर निकालतेे हैं| जैसे ही बच्चे ने अपनी बात खत्म किया पूरे कम्पार्टमेंट का माहौल हँसी से गूंज उठा और कम्पार्टमेंट के सारे यात्री बच्चे को शाबासी देने लगे|

Sunday, May 11, 2008

हाजिर जवाबी

  हाजिर जवाबी


सुबह-सुबह  अखबार आते ही अपने समर्थकों तथा मिलने वाले लोगों के बीच मे बैठे नेता जी की नजर अखबार के  मुख्य ख़बर पर पड़ी जिसमे लिखा था कि उपद्रवियों  ने एक निराकार धर्म स्थल पर हमला कर के उसे क्षति  पहुचाने की कोशिश की जिसे पुलिस ने विफल कर दिया | नेता जी ने अखबार एक किनारे फेका और चाय पीते हुए बड़बड़ाने ने लगे की इस देश को सम्प्र्दायिक्ता की आग मे झोकने का मन बना लिया है  मौजूदा सरकार  ने इस सांप्रदायिक  खबरों को पढ़ने के पश्चात  नेता जे के द्वारा अखबार फेक देने के बाद उनसे मिलने आए एक व्यक्ति अखबार उठा कर पढ़ने  लगा और देखा की पेज न. दस पर एक कोने मे के ख़बर है की शीर्ष प्रदेश मे एक साकारोपासक धर्म स्थल को बम के द्वारा उडा दिया गया है | व्यक्ति ने नेता जी का ध्यान इस ख़बर की तरफ़ दिलाना चाहा और नेता जी को पढ़ने  के लिए  अखबार देना चाहा तो नेता जी ने बिना अखबार पढ़े  तुरंत उत्तर दिया की यह मुख पेज के घटना की प्रतिक्रिया होगी | लेकिन एक मे क्षति पहुचाने की कोशिश  करने पर उसे खबरों मे मुख्य पेज का स्थान दिया और दूसरे मे धर्म स्थल को बम से उड़ा दिए जाने पर भी दसवे पेज पर एक कोने मे स्थान दिया गया है इस बारे मे आप का क्या कहना है | इसमे संपादक ने सांप्रदायिक,सौहार्द बनाये रखने के लिए अपने बुद्धि तथा सूझ बुझ का परिचय दिया है | वाह नेता जी मान गया आपके हाजिर जबाबी को मुझे आज समाझ मे आया की चुनाव मे आप के सामने मुकाबले मे इतने प्रत्याशी खड़े होते है लेकिन परिणाम आने पर कैसे धराशायी हो जाते हैं | ये सब इसी हाजिर जवाबी और सूझ बुझ का ही कमाल है | नेता जी मंद-मंद मुस्कुराने लगे |