Saturday, February 2, 2008

नैतिकता

नैतिकता

जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर रुकी, ट्रेन से उतरने वाले यात्री उतरने लगे ,चढ़ने वाले यात्री प्लेटफार्म पर खड़े होकर उतरने वाले यात्रियों के उतर जाने का इंतजार करने लगे | जैसे ट्रेन से उतर जाने वाले यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए चढ़ने के लिए खड़े यात्री बोगी में जल्दी जल्दी चढ़कर सीटों पर बैठने  लगे उन्ही यात्रियों मे से एक महिला खाली  सीट देख कर बैठने के लिए आगे बढ़ी तो उस सीट के बगल मे बैठे यात्री ने अपना बैग आगे बढ़ते हुए बोला सीट खाली नही है ,कही और देख लीजिए यह देख कर यात्री के सामने बैठे एक अधेड़ से दिख रहे यात्री ने उससे कहा की लेडीज़ है बैठने दीजिए भाई | तब तक एक और महिला यात्री आई और उस सलाह देने वाले अधेड़ यात्री के बगल मे बैठने के लिए आगे बढ़ी तो उस अधेड़ यात्री ने कहा जगह खली नही है कही और देख लीजिए | यह देख कर सामने बैठे यात्री ने, अधेड़ यात्री का जुमला दोहराया लेडीज़ है बैठने दीजिए आप के बगल के तो बैठे यात्री आपना बैग ले कर उतर गए है| यह सुनकर अधेड़ यात्री ने अपने आखो की त्योरी बदल कर उतर दिया की आप को कैसे मालूम ,उन्होंने मुझसे कहा की मैं अभी आ रहा हू उतर सुनकर सामने वाला यात्री स्तब्ध हो गया और इनकी नैतिकता के बारे मे सोचने लगा |

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