Sunday, November 29, 2015

bahurupiya abhineta

इस दुनिया में  मनुष्य के ब्यवहार को समझने  जितना कठिन कार्य शायद ही दूसरा हो वह जो बोल रहा है उसके पीछे उसका उद्देष्य क्या है केवल वही जानता है उसको शायद भगवान भी नहीं जानते होंगें अगर भगवान जान भी जाये तो कब उसके आचरण से धोखा खा जाये वो नहीं जानते होंगें। ऐसे ही एक अभिनेता थे जो बहुत  न्याय संगत बातों के लिए जाने जाते थे। एक बार एक गांव में फिल्म शूटिंग दौरान उसी गांव के एक व्यक्ति का गाना उनको इतना पसंद आ गया की उसको वो अपने फिल्म में लेने को तैयार हो गए उसको मात्र बीस  हजार रुपये  ही देने का करार हुआ। जब फिल्म बनकर तैयार हुई और वो गाना जब  जनता के बीच रिलीज़ किया गया तो वो गाना  सुपर हिट हो गया।  इसके बावजूद जब उस गावँ के गायक को पैसा देने की बात आई   तो अभिनेता जी उसको कुछ पैसा दे कर छुटकारा पा लेना चाहते थे। किन्तु वो आदमी भी इन्ही कुछ दिनों में लगता था ,देश दुनिया की  रीत नीत को समझने लगा था वो कुछ लोगों के साथ अखबार वालों के पास अपनी बातों को लेकर पहुँचा तो अखबार वाले भी खूब चटपटा बनाकर खबर को छापने लगे। यह सारा माजरा देख अभिनेता जी को अपनी प्रतिष्ठा पर आंच आता हुआ महशूस हुआ तो जो अभिनेता जी कुछ पैसा देकर छुटकारा पा लेना चाहते थे  तय पैसों  से चार गुना पैसे देकर अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल हो गये और मीडिया में यह बात समाचार के रूप में प्रचारित होनें लगा कि देखिये ये हमारे अभिनेता कितने उदार हैं की इन्होने तय पैसे ज्यादा पैसा देकर अपनी उदारता का परिचय दिया।लेकिन समझने वाले समझ रहे थे कि जिस आदमी का ईमान थोड़े से पैसे के लिये गिर जाये उसकी विश्वश्नीयता देश ,समाज, और खुद उसके परिवार के लिए ठीक नहीं है समय आने पर यह उजागर हो कर रहेगा।   

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