एक पंथ दो काज
रामदीन और सुरेश बाबु दोनो पड़ोसी थे | दोनों एक ही विभाग में अलग - अलग ऑफिस में काम करते थे | रामदीन अपने ऑफिस मे चपरासी पद पर कार्यरत था , तो सुरेश बाबू कार्यालय अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे | एक बार रामदीन गंभीर रूप से बीमार पड़ा तो उसके घर के लोगों ने ले जा कर अस्पताल मे भर्ती करना पड़ा इलाज के लिए | कालोनी के कई लोग अस्पताल जा कर रामदीन को देखते तथा ईश्वर से जल्दी स्वस्थ कर देने की प्रार्थना करते | सुरेश बाबू पड़ोसी होने के कारण उसे देखने जाना अपना नैतिक कर्तव्य समझते थे ,किन्तु इनका पद
इस कर्तव्य मे आड़े आ जाता था | उनके मन मे कहीं न कहीं ये बात अटकी हुई रहती थी की कहाँ मैं कार्यालय अधीक्षक और एक चपरासी का हाल चाल लेने अस्पताल जाऊँ | इतफाक से उनका एक मित्र दुर्घटना मे घायल होने के
कारण उसे उसी अस्पताल मे जा कर भर्ती हुआ और जब इस बात का पता सुरेश बाबू को चला तो वह उसे देखने अस्पताल पहुँचे| किंतु सुरेश बाबू के पास वार्ड नम्बर तथा बेड नम्बर का पता न होने के
कारण वे सारे वार्डो मे जा जाकर अपने मित्र को ढूढने लगे इतफाक से सुरेश बाबू उसी वार्ड मे पहुँच गए जिसमे रामदीन भर्ती था |रामदीन की पत्नी की निगाह सुरेश बाबू की आँखों से टकराई तो सुरेश बाबू न चाहते हुए भी रामदीन के बेड के पास जा कर बैठ गये और उसके पत्नी से रामदीन का हाल चाल पूछने लगे |
हाल चाल बताने के बाद रामदीन की पत्नी ने सुरेश बाबू से पूछा की कोई और भरती है क्या बाबू, जिसे आप देखने आए है | नहीं और कोई नहीं भर्ती है, यही रामदीन का समाचार लेने आया था | कई दिनों से रामदीन को देखने आना चाहता था किन्तु आफिस से फुरसत ही नहीं मिल पा रहा था | रामदीन की पत्नी के आँखों में खुशी और गर्व के आसू आ गए सोचने लगी बाबू आधिकारी के पद पर होते हुए भी इनको देखने आये | वह सुरेश बाबू से भावातिरेक में बोलने लगी बाबू ऐसे ही समय के लिए तो साथ समाज होता है आखिर कार पड़ोसी भी तो परिवार का एक अंग ही होता है | सुरेश बाबू ने भावनाओ मे बहती हुई ये बात सुनी तो इस झूठ के लिए उनकी आत्मा उनको धिकारने लगे किंतु स्वार्थ बुद्धि ने कहा की चलो एक पंथ दो काज हो गया | आया था मित्र को देखने इसी बहाने रामदीन को भी देख लिया, हाल-चाल ले लिया और एक सामाजिक व्यवहार भी निभा दिया |
2 comments:
गोविंद जी, अच्छा आलेख है, आज ही चिट्ठाजगत के जरिए मुझे दिखा। आप पूर्णविराम के लिए | के बजाय । का इस्तेमाल कर सकते हैं।
alok ji app ka sujah mai awasy palan karunga.dhanyawad.
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