गणित मे कमजोर
यात्रियों को ट्रेन मे अपने देश के राजनीत सामाजिक विषयों के बारे मे चर्चा करने के लिए सबसे उपयुक्त तथा गर्मा गर्म माहौल मिलता है| ऐसे ही एक ट्रेन मे कुछ यात्री सफर करते हुए अपने देश के एक राज्य मे हो चुके चुनावों की चर्चा कर रहे थे की देखिये वहां की जनता मे आतंकवादियों को नकार कर वहां हो रहे चुनावों मे बढ चढ़ कर हिस्सा लेकर अपने पड़ोसी देश के मंसूबों पर पानी फेर दिया है| दूसरा यात्री बोला वहां की जनता ने आतंकवादियों की परवाह किए बिना विधान सभा की चुनावों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हुए करीब चालीस से पच्चास प्रतिशत के बीच में मतदान करते हुए यह साबित कर दिया है कि हम लोग अपने आन्तिरिक मामलों मे अपने किसी पड़ोसी देश की दखल बर्दास्त नही करेंगे| जैसे ही यात्री ने अपनी बात खत्म किया एक तीसरे यात्री ने बोलना आरम्भ किया की अपने पड़ोसी देश के शासक तो सारी दुनिया से अलग बोल रहे हैं| जहाँ सारी दुनिया मतदान का प्रतिशत चालीस से पचास बता रही है| वहीं वह मतदान का प्रतिशत केवल चार से पाँच के बीच बता रहे है| जैसे ही तीसरे यात्री ने अपनी बात खत्म किया उन लोगों के साथ चल रहा एक बच्चा तपाक से बड़ी ही मासूमियत से बोल पड़ा अंकल अपने पड़ोसी शासक अंकल जो हैं न लगता है वह गणित मे बहुत कमजोर है| जहाँ सारी दुनिया मतदान का प्रतिशत प्रति सौ पर निकलती है, वही लगता है अपने पड़ोसी शासक अंकल प्रतिशत प्रति हजार पर निकालतेे हैं| जैसे ही बच्चे ने अपनी बात खत्म किया पूरे कम्पार्टमेंट का माहौल हँसी से गूंज उठा और कम्पार्टमेंट के सारे यात्री बच्चे को शाबासी देने लगे|
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