Sunday, May 11, 2008

हाजिर जवाबी

  हाजिर जवाबी


सुबह-सुबह  अखबार आते ही अपने समर्थकों तथा मिलने वाले लोगों के बीच मे बैठे नेता जी की नजर अखबार के  मुख्य ख़बर पर पड़ी जिसमे लिखा था कि उपद्रवियों  ने एक निराकार धर्म स्थल पर हमला कर के उसे क्षति  पहुचाने की कोशिश की जिसे पुलिस ने विफल कर दिया | नेता जी ने अखबार एक किनारे फेका और चाय पीते हुए बड़बड़ाने ने लगे की इस देश को सम्प्र्दायिक्ता की आग मे झोकने का मन बना लिया है  मौजूदा सरकार  ने इस सांप्रदायिक  खबरों को पढ़ने के पश्चात  नेता जे के द्वारा अखबार फेक देने के बाद उनसे मिलने आए एक व्यक्ति अखबार उठा कर पढ़ने  लगा और देखा की पेज न. दस पर एक कोने मे के ख़बर है की शीर्ष प्रदेश मे एक साकारोपासक धर्म स्थल को बम के द्वारा उडा दिया गया है | व्यक्ति ने नेता जी का ध्यान इस ख़बर की तरफ़ दिलाना चाहा और नेता जी को पढ़ने  के लिए  अखबार देना चाहा तो नेता जी ने बिना अखबार पढ़े  तुरंत उत्तर दिया की यह मुख पेज के घटना की प्रतिक्रिया होगी | लेकिन एक मे क्षति पहुचाने की कोशिश  करने पर उसे खबरों मे मुख्य पेज का स्थान दिया और दूसरे मे धर्म स्थल को बम से उड़ा दिए जाने पर भी दसवे पेज पर एक कोने मे स्थान दिया गया है इस बारे मे आप का क्या कहना है | इसमे संपादक ने सांप्रदायिक,सौहार्द बनाये रखने के लिए अपने बुद्धि तथा सूझ बुझ का परिचय दिया है | वाह नेता जी मान गया आपके हाजिर जबाबी को मुझे आज समाझ मे आया की चुनाव मे आप के सामने मुकाबले मे इतने प्रत्याशी खड़े होते है लेकिन परिणाम आने पर कैसे धराशायी हो जाते हैं | ये सब इसी हाजिर जवाबी और सूझ बुझ का ही कमाल है | नेता जी मंद-मंद मुस्कुराने लगे |

2 comments:

Prabhakar Pandey said...

कमाल की कहानी। अगली कहानी का इंतजार रहेगा। लिखते रहें। साधुवाद।

Word Verification हटा दें तो अति उत्तम।

Govind Prasad Kushwaha said...
This comment has been removed by the author.